Baba Ramdev ने बताया किन चीजों को खाने पर रोज घटेगा एक किलो वजन, बाहर निकला पेट जाएगा पिचक

Weight Loss: मोटापा ना सिर्फ शरीर के आकार को बढ़ाता है बल्कि इससे बहुत सी स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों में भी इजाफा होने लगता है. हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और हार्ट अटैक जैसी दिक्कतों के रिस्क फैक्टर्स में मोटापा शामिल है. वहीं, व्यक्ति जरूरत से ज्यादा मोटा हो तो उसकी रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित होने लगती है. सही तरह से उठने-बैठने में दिक्कत होने लगती है, पोश्चर खराब हो जाता है, शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दर्द रहने लगता है, बाहर निकले पेट के कारण अपनी पसंद के कपड़े नहीं पहन पाते जिससे मानसिक तौर पर भी व्यक्ति प्रभावित होना शुरू हो जाता है सो अलग. ऐसे में इस मोटापे से परेशान होते रहने के बजाय वजन कम करने की कोशिश करना ज्यादा जरूरी है. इसी बारे में बता रहे हैं योगगुरू बाबा रामदेव. स्वामी रामदेव को बाबा रामदेव (Baba Ramdev) भी कहा जाता है. वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से सेहत से जुड़ी सलाह साझा करते रहते हैं. अपने ऐसे ही एक वीडियो में बाबा रामदेव बता रहे हैं कि किन चीजों को खाने और किन अहम बातों को ध्यान में रखकर रोजाना वजन घटाया जा सकता है. 

किस तरह रोजाना कम कर सकते हैं वजन | How To Lose Weight Daily 

बाबा रामदेव ने बताया कि बाहर का खाना और बहुत ज्यादा मीठा खाते रहने से वजन बढ़ता है और पेट बाहर निकलना शुरू हो जाता है. इससे बहुत सी बीमारियां होने लगती हैं. ऐसे में अनाज, नमक या मीठा खाने के बजाय फल और सब्जियों की डाइट ली जा सकती है. बाबा रामदेव का कहना है कि ऐसा करने पर शरीर अपने ही अंदर की बढ़ी हुई चर्बी को फूड सोर्स के रूप में इस्तेमाल करने लगता है.

हर दिन वजन घटाने को लेकर बाबा रामदेव कहते हैं कि रोजाना वजन कम किया जा सकता है. योग, आयुर्वेद और खानपान का ध्यान रखा जाए तो वजन घटने लगता है. खानपान में सलाद, खरबूज और तरबूज (Watermelon) को शामिल करें. इसके साथ ही उबली हुई सब्जियां खाएं. ऐसा करने पर वजन तेजी से कम होता है. खानपान के साथ ही रोजाना योग करने या एक्सरसाइज करने पर शरीर में तेजी से अंतर देखने को मिलता है. 

ये नुस्खा भी आ सकता है काम 

रोजाना लौकी का जूस पीने पर वजन कम होने में असर दिख सकता है. फाइबर से भरपूर होने के चलते लौकी के जूस (Lauki Juice) से पाचन को भी फायदे मिलते हैं. लौकी का जूस लो कैलोरी जूस है. इससे शरीर को हाइड्रेशन भी मिलती है जिससे शरीर में फाइबर की कमी नहीं होती है. कब्ज से राहत पाने के लिए भी लौकी का जूस पिया जा सकता है. इस जूस को पीने पर शरीर अंदरूनी रूप से डिटॉक्स होकर साफ हो जाता है जिसका असर त्वचा पर बाहरी रूप से भी नजर आता है. त्वचा चमकदार और मुलायम हो जाती है. 

अश्वगंधा (Ashwagandha) आयुर्वेदिक औषधी है. इसके शरीर को कई फायदे मिलते हैं. वहीं, अश्वगंधा के पत्ते चबाने पर वेट लॉस में मदद मिल सकती है. इन पत्तों में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं. इन्हें खाने पर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. स्ट्रेस कम करने से लेकर शरीर के एनर्जी लेवल्स को बढ़ाने में भी अश्वगंधा के फायदे नजर आते हैं. अश्वगंधा के पत्ते चबाने पर वजन कम होने में असर नजर आ सकता है. 

कौन हैं IPS ऑफिसर आरती सिंह, जो बनी मुंबई की पहली ज्वाइंट कमिश्नर इंटेलिजेंस

कौन हैं IPS ऑफिसर आरती सिंह, जो बनी मुंबई की पहली ज्वाइंट कमिश्नर इंटेलिजेंस

IPS ऑफिसर आरती सिंह.

Mumbai Joint Commissioner of Intelligence: पहलगाम आतंकी हमले के बाद महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई पुलिस में एक अतिरिक्त ज्वाइंट कमिश्नर पोस्ट बनाने की घोषणा की थी. यह पोस्ट था ज्वाइंट कमिश्नर इंटेलिजेंस का. शुक्रवार को महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने मुंबई की पहली ज्वाइंट कमिश्नर इंटेलिजेंस के पद पर एक तेज-तर्रार महिला IPS अधिकारी को नियुक्त कर दिया. दरअसल महाराष्ट्र सरकार ने IPS अधिकारी आरती सिंह (IPS officer Arti Singh) को मुम्बई पुलिस की पहली ज्वाइंट कमिश्नर इंटेलिजेंस बनाया है. शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार की ओर से इसकी चिट्ठी जारी कर दी गई है. 

अब मुंबई में 6 ज्वाइंट सीपी

मालूम हो कि इससे पहले मुंबई में 5 ज्वाइंट सीपी थे. नए ज्वाइंट सीपी बनने से अब इनकी संख्या बढ़कर 6 हो गई है. ज्वाइंट कमिश्नर इंटेलिजेंस बनाने का मुख्य मकसद आतंकवाद पर कड़ी नजर रखना और किसी भी असामाजिक गतिविधि को समय रहते रोकना है. सुरक्षा विशेषज्ञों ने महाराष्ट्र सरकार के इस कदम का स्वागत किया है.

अब जानिए कौन हैं  IPS ऑफिसर आरती सिंह

IPS आरती सिंह महाराष्ट्र कैडर की IG (इंस्पेक्टर जनरल) रैंक की अधिकारी हैं. अभी वो महाराष्ट्र में इंस्पेक्टर जनरल एडमिन के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभा रही थी. आरती सिंह मूलरूप से यूपी के मिर्जापुर जिले की रहने वाली हैं. डॉक्टरी की पढ़ाई करने के बाद इन्होंने कुछ दिनों तक मेडिकल फिल्ड में सेवाएं दी. बाद में डॉक्टरी छोड़ यूपीएससी की तैयारी की. 

अमरावती में पुलिस आयुक्त भी रह चुकी हैं आरती सिंह

2006 बैच की आईपीएस ऑफिसर आरती सिंह पहले एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस (ACP) भी रह चुकी हैं. इसके अलावा, उन्होंने महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित जिले गढ़चिरौली और कोविड के दौरान मालेगांव में भी काम किया है. वह अमरावती शहर की पहली महिला पुलिस आयुक्त भी रह चुकी हैं.

बदलापुर यौन उत्पीड़न केस की जांच का भी जिम्मा

हाल ही में महाराष्ट्र के बदलापुर जिले के एक स्कूल दो लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न हुआ था. इस मामले की जांच करने वाली एसआईटी की चीफ आईपीएफ ऑफिसर आरती सिंह ही है. आरती सिंह के काम और तौर-तरीकों के कारण उनकी गिनती एक तेज-तर्रार आईपीएस ऑफिसर के रूप में होती है.

चीन-पाक की नई जुगलबंदी: भारत के समक्ष चुनौती, बांग्लादेश पर नज़र

पाकिस्तान-चीन गठबंधन की छवि धूमिल हो गई है।
पाकिस्तान की सैन्य हार में चीनी प्रौद्योगिकी और वायु रक्षा प्रणालियों की विफलता स्पष्ट रूप से उजागर हो गई। भारतीय वायु सेना ने चीन निर्मित रडार प्रणालियों को मार गिराया और पाकिस्तान को असहाय बना दिया। इससे ऐसी स्थिति पैदा हो गई कि चीन को भी शर्म आनी चाहिए। अब ये दोनों देश नई दिशा में भारत के खिलाफ अभियान शुरू कर रहे हैं, जिसमें बांग्लादेश का इस्तेमाल करने की साजिश रची जा रही है।

तुर्की में आज रूस-यूक्रेन शांति वार्ता, पुतिन की भागीदारी पर सस्पेंस

बांग्लादेश में युनुस द्वारा बनाया जा रहा समीकरण
शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार ने चीन और पाकिस्तान के दबाव का विरोध किया, लेकिन मोहम्मद यूनुस की वर्तमान अंतरिम सरकार इस्लामी कट्टरवाद की लहर के आगे झुकती दिख रही है। मार्च में यूनुस ने बांग्लादेश को पूर्वोत्तर भारत का प्रवेश द्वार बताया था और यह भी संकेत दिया था कि यह चीन के लिए व्यापार का अवसर है। विश्लेषकों के अनुसार, यूनुस का बयान चीनी प्रभाव बढ़ाने के प्रयासों की शुरुआत है, जिसमें पाकिस्तान सक्रिय भूमिका निभा रहा है।

आईएसआई की गुप्त साजिश और सैन्य नेतृत्व बदलने का प्रयास
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान को हटाने की साजिश रच रही है, क्योंकि वह चीन-पाकिस्तान योजना का विरोध कर रहे हैं। जनरल ज़मान को सेना के अधिकांश वरिष्ठ अधिकारियों का समर्थन प्राप्त है, इसलिए यह आईएसआई के लिए एक बड़ी समस्या बन गई है। इस संबंध में आईएसआई के वरिष्ठ अधिकारियों और पाकिस्तान के नए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल वी.पी. सिंह ने कहा कि जनरल आसिम मलिक ने ढाका का गुप्त दौरा किया था। सीएनएन-न्यूज 18 ने खबर दी है कि जनरल आसिम मलिक ने ढाका का गुप्त दौरा किया था।

चीनी आर्थिक नाकेबंदी और व्यापार अभियान भी सक्रिय हैं
चीन बांग्लादेश में भारत के आर्थिक प्रभुत्व को कम करने का प्रयास कर रहा है। चीन कपड़ा, मशीनरी और अन्य उत्पादों पर भारी छूट देकर बांग्लादेश के बाजार में प्रवेश कर रहा है। पाकिस्तान इसमें मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है। इसके अलावा, पाकिस्तान आईएसआई के माध्यम से बांग्लादेश में कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों जैसे हिफाजत-ए-इस्लाम और जमात-ए-इस्लामी को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है, जो भारत विरोधी माहौल बना रहे हैं।

पूर्वोत्तर भारत में अस्थिरता फैलाने की साजिश
आईएसआई पूर्वी भारत, विशेषकर पूर्वोत्तर राज्यों में विद्रोही समूहों को पुनः सक्रिय करने का प्रयास कर रही है। बांग्लादेशी प्रशासन का एक वर्ग इस योजना का समर्थन कर रहा है। हाल ही में त्रिपुरा और असम में हथियारों की जब्ती से यह स्पष्ट हो गया है कि पाकिस्तान से भारतीय धरती में अवैध घुसपैठ और हथियारों की आपूर्ति जारी है।

भारत तैयार, सतर्क और दृढ़ है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि अब आतंकवादियों और उनका समर्थन करने वालों को एक समान माना जाएगा। भारत के सुरक्षा बल और खुफिया एजेंसियां ​​पूर्वी सीमा पर अधिक सतर्क हो गई हैं तथा बांग्लादेश से आने वाली हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रख रही हैं।

चीन और पाकिस्तान का भारत विरोधी गठबंधन
चीन और पाकिस्तान अपने भारत विरोधी गठबंधन को मजबूत करने की कगार पर हैं तथा इस योजना में बांग्लादेश को भी शामिल करने के लिए गंभीर प्रयास चल रहे हैं। लेकिन भारत अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में बुद्धिमानी और शक्तिशाली तरीके से जवाब दे रहा है। यह समय भारत के लिए कूटनीतिक और सैन्य दोनों रूप से सतर्क रहने का है, ताकि पूर्व से होने वाले किसी भी आक्रमण का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके।

आईएईए की रिपोर्ट से पर्दाफाश: परमाणु संयंत्र सुरक्षित, पाकिस्तान का विकिरण का दावा झूठा

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत द्वारा किए गए हवाई हमलों के बाद, पाकिस्तान पर अपने किराना हिल्स क्षेत्र में एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हमला करने का आरोप लगाया गया था। हालाँकि, अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान में किसी भी परमाणु ऊर्जा संयंत्र से कोई विकिरण रिसाव या उत्सर्जन नहीं हुआ है। इसलिए पाकिस्तान का धोखा उजागर हो गया है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री को जानलेवा धमकी, प्रदेश में सनसनी

हालांकि, इससे पहले भारतीय वायुसेना के एयर मार्शल एके भारती ने भी सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस दावे को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था, “हमें यह बताने के लिए धन्यवाद कि किराना हिल्स में एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र है, हमें इसकी जानकारी नहीं थी। हमने किराना हिल्स को निशाना नहीं बनाया।” विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने 13 मई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि भारत की सैन्य कार्रवाई पूरी तरह से पारंपरिक सीमाओं के भीतर थी। उन्होंने कहा, “परमाणु रिसाव की अफवाहों पर प्रतिक्रिया देना पाकिस्तान का काम है, हमारा नहीं। हमने सुरक्षा परिषद में अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है।” उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान के राष्ट्रीय कमान प्राधिकरण की बैठक की अफवाहों को भी बाद में आधिकारिक तौर पर खारिज कर दिया गया।

आईएईएस क्यों?
आईएईए के अनुसार, उनका घटना एवं आपातकालीन केंद्र (आईईसी) दुनिया भर में परमाणु और रेडियोलॉजिकल घटनाओं के लिए आपातकालीन तैयारी, संचार और प्रतिक्रिया का मुख्य केंद्र है। इसकी स्थापना 29 जुलाई 1957 को हुई थी, जिसका मुख्य कार्य विश्व में किसी भी परमाणु दुर्घटना, लापरवाही या जानबूझकर की गई घटना की निगरानी करना था। कुल 178 देश अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के सदस्य हैं। इसका मुख्यालय ऑस्ट्रिया में है। आईएईए की पुष्टि के बाद अमेरिका भी इस मामले पर चुप रहा है। 13 मई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब पूछा गया कि क्या अमेरिका कथित परमाणु रिसाव की रिपोर्ट की जांच के लिए पाकिस्तान में एक टीम भेजेगा, तो अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता टॉमी पिगॉट ने जवाब दिया कि इस मामले पर साझा करने के लिए उनके पास कोई नई जानकारी नहीं है।

भारत-पाक करार
‘परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं पर हमलों के निषेध हेतु समझौता’ भारत और पाकिस्तान के बीच एक पुराना समझौता है। दोनों देशों ने 31 दिसंबर, 1988 को इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। यह समझौता 27 जनवरी, 1991 को लागू हुआ। समझौते के अनुसार, दोनों देश हर साल 1 जनवरी को एक-दूसरे को अपने-अपने परमाणु ऊर्जा प्रतिष्ठानों की सूची उपलब्ध कराते हैं। 1 जनवरी 2025 को दोनों देशों के बीच इस प्रक्रिया का 34वां आदान-प्रदान हुआ।

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, परमाणु हमले या लीक की खबर अत्यधिक संवेदनशील और खतरनाक हो सकती है। लेकिन भारत द्वारा दी गई स्पष्टता, आईएईए की अंतर्राष्ट्रीय पुष्टि तथा अमेरिका की हल्की प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट हो गया है कि कोई परमाणु आपातकाल उत्पन्न नहीं हुआ है। यह स्थिति दर्शाती है कि भारत की सैन्य कार्रवाई सटीक, सीमित और जिम्मेदाराना थी तथा अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों का पूर्णतः पालन किया गया।